what rbi’s policies do banks implement :- आरबीआई अर्थव्यवस्था में उधार लेने और उधार देने की दरों को प्रभावित करने के लिए रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और अन्य ब्याज दरों का उपयोग करता है। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से पैसा उधार ले सकते हैं, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर वे आरबीआई को पैसा उधार दे सकते हैं।
RBI के गाइडलाइन के अनुसार बैंक उनके नीतियों का पालन करती है कि, आए हुए नए पॉलिसी से बैंको के ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary policy committee or MPC) ने लगातार छठी बार ब्याज दरों (रेपो रेट/Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। जैसे रेपो रेट पहले था अब भी 6.5% पर जस का तस रखा है। इसका मतलब है कि आपके मकान, ऑटो, पर्सनल, वाहन और अन्य सामान पर लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI MPC के इस फैसले का बाद पीएसयु बैंक (PSU Bank Stocks) के शेयर में काफी तेजी देखने को मिली है। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। RBI ने कहा है कि महंगाई को 4% पर लाने और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच इकनॉमिक ग्रोथ को गति देने के मकसद से रेपो रेट को यथावत रखा गया है। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर कर्मशल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए RBI से कर्ज लेते हैं। RBI को रिटेल इन्फ्लेशन दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
RBI MPC: जीडीपी का ग्रोथ रेट को 7% रखने का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है उनका अनुमान है कि परिवारों का उपभोग को बढ़ने और निजी निवेशों में सुधार से अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्रोथ रेट 7% रहेगी। इसी के साथ खुदरा महंगाई के 5.4 % पर रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास जी ने कहा कि कितनी भी ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी और रेपो रेट को 6.5% पर कायम रहेगी। मजबूत निवेश गतिविधियों के साथ घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत हो रही हैं। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास जी के अनुसार, इन सब फैक्टर्स को देखते हुए ḤḤरियल GDP ग्रोथ रेट वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7 % रहने का अनुमान है। इन्फलेशन के बारे में उन्होंने कहा कि महंगाई की स्थिति फूड इन्फ्लेशन के सिनेरियो से तय होगी।